जानकी नाथ सहाय करे जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो लिरिक्स

जानकी नाथ सहाय करे जब,
कौन बिगाड़ करे नर तेरो।।



सुरज मंगल सोम भृगु सुत,

बुध और गुरु वरदायक तेरो,
राहु केतु की नाहिं गम्यता,
संग शनीचर होत हुचेरो।
जानकी नाथ सहाय करें जब,
कौन बिगाड़ करे नर तेरो।।



दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी,

चीर उतार कुमंतर प्रेरो,
ताकी सहाय करी करुणानिधि,
बढ़ गये चीर के भार घनेरो।
जानकी नाथ सहाय करें जब,
कौन बिगाड़ करे नर तेरो।।



जाकी सहाय करी करुणानिधि,

ताके जगत में भाग बढ़े रो,
रघुवंशी संतन सुखदायी,
तुलसीदास चरनन को चेरो।
जानकी नाथ सहाय करें जब,
कौन बिगाड़ करे नर तेरो।।



जानकी नाथ सहाय करे जब,

कौन बिगाड़ करे नर तेरो।।

स्वर – मैथिलि ठाकुर।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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