मनमोहन के चरणों में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया,
खुश हो गया, खुश हो गया,
खुश हो गया मेरे श्याम,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
तर्ज – दिल दीवाना ना जाने कब।
दर दर भटका मैं प्रभु,
समझ में सबकुछ आ गया,
ठोकर खाकर दुनिया की,
द्वार तेरे मैं आ गया,
माफ करो मुझे देर हुई,
आने में जरा देर भई,
अब आ गया अब आ गया,
अब आगया मेरे श्याम,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
जब तक दौलत पास है,
दुनिया तेरे साथ है,
कंगाली आ जाये तो,
कोई नही तेरे साथ है,
दुनिया के सारे बंधन,
स्वार्थ के है सब बंधन,
मैं समझ गया लो समझ गया,
हाँ समझ गया मेरे श्याम,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
तेरे ही दर का पुजारी बनूं,
आठों प्रहर तेरा नाम जपूं,
तन मन न्योछावर तुझपे करूँ,
भक्ति से बाबा तुझे खुश करूँ,
मैंने पा लिये मैने पा लिये,
मैंने पा लिये चारो धाम,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
दुनिया के झंझट से तो,
प्यारा तेरा प्यार है,
भक्त सभी सच्चे यहाँ,
साँचा तेरा दरबार है,
भाव से जो कोई आये यहाँ,
परम कृपा पा जाए यहाँ,
मैं पा गया मैं पा गया,
पा गया मैं आशीर्वाद,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
मनमोहन के चरणों में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया,
खुश हो गया, खुश हो गया,
खुश हो गया मेरे श्याम,
मनमोहन के चरणो में,
दिल खो गया,
तेरे दर पे आके,
दिल खुश हो गया।।
Singer / Upload – Mukesh Kumar
9660159589