ज्योत जली तेरी तुझे आना पड़ेगा माता भजन लिरिक्स

ज्योत जली तेरी तुझे आना पड़ेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा,
नही है मिश्री मेवा खिंचड़ा ही मिलेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा।।

तर्ज – खेत गए बाबा बाजार गई।



भावो के फूलों से कुटिया सजाई,

माटी के रंगों से शोभा बढ़ाई,
घास का है आसन बिछाना पड़ेगा,
ज्योत जली तेरी तुझें आना पड़ेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा।।



गंगाजल लाइके छिड़काव कराया,

रोली ओर मोली से थाल सजाया,
कह आया सारी नगरी आना ही पड़ेगा,
ज्योत जली तेरी तुझें आना पड़ेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा।।



पंडित सत्संगी को सबको बुलाया,

कोरे से बर्तन में भोग बनाया,
भजन हमरे सुनके आना ही पड़ेगा,
ज्योत जली तेरी तुझें आना पड़ेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा।।



ज्योत जली तेरी तुझे आना पड़ेगा,

गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा,
नही है मिश्री मेवा खिंचड़ा ही मिलेगा,
गरीबो के घर भी भोग खाना पड़ेगा।।

Writer / Singer – Mukesh Kumar
9660159589


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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