पितर पधारो म्हारे आंगणिया पितर जी महाराज भजन

थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।



कपिला गाय को गोबर मँगावा,

जा बिच अँगणा लेप करास्या,
यो तो मोतियन चौक पुराव म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।।



गंगा जी से जल मँगवास्या,

पितरा न स्नान करास्या,
थन पाँचो ही कपडा पहराव थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।।



कपिला गाय को दुध मँगवास्या,

उजली उजली खीर बनवास्या,
थार भोग त लगाव देख थारी थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।।



धन चौदस की रात जगास्या,

पितरा न पाट बैठास्या,
थाक भजन कराव देखो थाकी थाकी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।।



थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,

पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।

प्रेषक – धरम चन्द नामा सांगानेर (जयपुर)
9887223287


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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