किसने रचाई मेहंदी हाथो में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।
तर्ज – चूड़ी जो खनकी।
लाल लाल तेरी चुनड़ियाँ,
लाल लाल तेरी रोली है,
लाल लाल खनके चुड़ला,
लाल कसुमल मूली है,
किसने लगाया काजल आँखों में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।
रंग बिरंगे फूलो से,
किसने तुझे सजाया है,
महक उठा दरबार तेरा,
किसने इत्र लगाया है,
किसने पेहराई पायल पाँव में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।
‘श्याम’ तेरे भक्तो ने माँ,
सूंदर खूब सजाया है,
रोली मोली लाल चूड़ा,
गजरा तुझे पहनाया है,
नजरा उतरो जरा साथ में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।
किसने रचाई मेहंदी हाथो में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।
गायक – सौरभ मधुकर।