बिके माथा साटे ओ म्हारी माँ या चुनर सतगुरु की

बिके माथा साटे ओ म्हारी माँ,
या चुनर सतगुरु की।।



चुनर ओढ़ूँ तो कुटुंब लजाए,

चुनर ओढ़ूँ तो कुटुंब लजाए,
नहीं तो ओढ़ूँ तो मन ललचाए,
या चुनर सतगुरु की,
बीके माथा साटे ओ म्हारी माँ,
या चुनर सतगुरु की।।



चुनर छोडूं तो सतगुरु लाजे,

चुनर छोडूं तो सतगुरु लाजे,
म्हारो मनक जमारो भी लजाए,
या चुनर सतगुरु की,
बीके माथा साटे ओ म्हारी माँ,
या चुनर सतगुरु की।।



चुनर ओढूँ ने पियर छोड़ूं,

चुनर ओढूँ ने पियर छोड़ूं,
म्हारा सासरिया रो सिंगार,
या चुनर सतगुरु की,
बीके माथा साटे ओ म्हारी माँ,
या चुनर सतगुरु की।।



बिके माथा साटे ओ म्हारी माँ,

या चुनर सतगुरु की।।

स्वर – संत श्री कमल किशोर जी नागर।


 

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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