सदा सुख चावे तो नर काम छोड़ दें चार लिरिक्स

सदा सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार,
चोरी चुगली जामिनी,
और पराई नार।।



चोरी करी रावण अभिमानी,

सियाराम की हर ली रानी,
करवा दी कूटूम की घानी,
जब खफा दियो परिवार,
अगर सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार।।



चुगली कर सकुनी बहकाया,

महाभारत में लेख बताया,
कौरव पांडवों को लड़वाया,
जब हुई जुए में हार,
अगर सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार।।



नार पराई छीन ली बाली,

भाई की रखली घरवाली,
जग माई अपनी शान घटाई,
जिन दियो च राम जी मार,
अगर सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार।।



झुटी जामीनी घर बिकवादे,

रस्ते के माई पिठवादे,
जग माई अपनी शान घटादे,
जब हो जावे लाचार,
अगर सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार।।



चोरी केद करवाई दे,

चुगली दे पिठवाई,
झूठी जामनी घर बिकवा दे,
और शीश कटवा दे नार,
अगर सुख चावे तो,
नर काम छोड़ दें चार।।



सदा सुख चावे तो,

नर काम छोड़ दें चार,
चोरी चुगली जामिनी,
और पराई नार।।

गायक – रामचंद्र यादव।
प्रेषक – धनराजजी गुर्जर अनंत गंज।
9001819391


Previous articleअर्जी करीला शीतला म‌ईया भोजपुरी भजन लिरिक्स
Next articleआरती लेकर खड़ा हुआ दरबार तेरे भोले बाबा
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here