ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
तर्ज – एहसान मेरे दिल पे।
शबरी के मीठे बेर ये तंदुल विदुर के हैं,
ठुकरा ना देना इनको ये दो टूक दिल के हैं,
अम्रित मेरे भोजन को बना दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
अर्पण है प्रभू आपको ये भेंट दास की,
ज्योती जलाये बैठा हूँ मुद्दत से आस की,
कब आओगे ये बात बता दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
कहतें हैं कोई आप सा दीलेर नहीं है,
प्रभू आप के घर देर है अन्धेर नहीं है,
हो कितने दयावान दिखा दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
जो रूठोगे प्रभू तो मैं भी रूठ जाऊंगा,
खाओगे नहीं तुम जो तो मैं भी ना खाऊंगा,
ये ज़िद है मेरी आज पुगा दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी,
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी।।
गायक / प्रेषक – विक्की सदावर्तीया।
9356488811