चौरासी की नींद में,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
मोती था एक सीप मे,
सीप समंद मे डाल दिया,
मोती था एक सीप मे,
सीप समंद मे डाल दिया,
धिन जौहारी गुरू देवजी,
ओ धिन जौहारी गुरू देवजी,
मुझे धन के पल्ले दबा रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
पता नहीं मै कौन था,
आया कहाँ से क्या पता,
ओ पता नहीं मै कौन था,
आया कहाँ से क्या पता,
अरे मेहर भयी गुरू देव की,
ओ मेहर भयी गुरू देव की,
मुझे काग से हंसा बना रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
अंत समय की भूल थी,
भूल मे वस्तु अनमोल थी,
ओ अंंत समय की भूल थी,
भूल मे वस्तु अनमोल थी,
कर किरपा गुरू देव ने,
ओ कर किरपा गुरू देव ने,
मुझे अमृत जाम पिला रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
नानक नाम प्रताप है,
ओ पंचम चरणों का दास है,
नानक नाम प्रताप है,
ओ पंचम चरणों का दास है,
ओ चरन कमल की ओट,
ओ चरन कमल की ओट से,
मुझे मस्त हीरा बना रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
चौरासी की नींद में,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे,
म्हारा सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद मे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818