श्याम ये जीवन की धारा,
आपके चरणों में है,
दीन दुखियों का सहारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
आप की रहमत से मिलती,
इज्जत की दो रोटियाँ,
हम गरीबों का गुजारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
क्या मुक्कदर का भरोसा,
साँस दे या ना भी दे,
मेरी किस्मत का सितारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
मैं भला चिंता करूँ क्यों,
है भरोसा आप पर,
मेरा ये दुःख दर्द सारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
ठोकरे मारो इसे या,
मान से ऊँचा करो,
श्याम ये मस्तक हमारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
ये जहा खुद है भिखारी,
इसके दर से क्या मिले,
सारी सुख सम्पदा का द्वारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
छोड़ कर तुम को कन्हैया,
मैं भला जाऊँ कहाँ,
अब ‘गजेसिंह’ तो बेचारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
श्याम ये जीवन की धारा,
आपके चरणों में है,
दीन दुखियों का सहारा,
आप के चरणों में है,
श्याम यें जीवन की धारा,
आपके चरणों में है।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।