टाबर थारा अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे,
संकट में है दुनिया सारी,
आकर पार लगा जा रे,
टाबर थारां अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे।।
तर्ज – रो रो कर फरियाद करा हाँ।
सुनी गलियां सुने चौबारे,
सुनी तेरी अटारी है,
तोरण द्वार भी सुना लागे,
ये कैसी महामारी है,
कलयुग का तू है अवतारी,
इब तो राह दिखा जा रे,
टाबर थारां अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे।।
जहाँ भी देखो खौफ का मंजर,
हर कोई लाचार है,
प्रेमी तेरे बंद घरो में,
तेरी करे पुकार है,
तीन बाण के धारी बाबा,
संकट से उबारो रे,
टाबर थारां अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे।।
हारे का तू साथी सांवरिया,
सारा जग अब हारा रे,
‘सोनू गौतम’ हार चूका अब,
हमको तेरा सहारा रे,
नीले घोड़े वाले आजा,
नैया पार लगा जा रे,
टाबर थारां अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे।।
टाबर थारा अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे,
संकट में है दुनिया सारी,
आकर पार लगा जा रे,
टाबर थारां अरज लगावे,
श्याम प्रभु अब आजा रे।।
स्वर – सुधांशु गौतम सोनू।