ओ गुरूजी थासु मिलणे रो,
मन में चाव समराथल धोरे आवसा।
दोहा – रामो सामो देवरे,
थाने उभो जोड़े हात,
जबेश्वरजी आवजो,
थे कलयुग रा अवतार।
ओ गुरूजी थासु मिलणे रो,
मन में चाव समराथल धोरे आवसा।।
थासु मिलण रो कोड लागीयो,
जासा धाम मुकाम,
इण धोरे री माटी ने मे,
लेसा हिवड़ लगाय,
समराथल धोरे आवसा।।
समराथल धोरे ऊपर,
जंभेश्वर जी रो धाम,
सुरज सामी बणो देवरो,
धजा रे फरुके असमान,
समराथल धोरे आवसा।।
फोग केकेड़ी ओर कुबटा,
धोरे ऊपर धाम,
पीपासर थारो गांव कहिजे,
लोहट घर अवतार,
समराथल धोरे आवसा।।
थारे अंग रो चोलो मुधड़ो,
मंदिर जागलू माय,
इण चोलो रा दर्शन पावा,
मारे हिवड़े मे हरख अपार,
समराथल धोरे आवसा।।
रामदास रामावत गावे,
गांव काकड़ा माय,
बालाजी रो मंदिर सुदंर,
धोरे पर निराली थारी धाम,
समराथल धोरे आवसा।।
ओ गुरूजी थांसु मिलणे रो,
मन में चाव समराथल धोरे आवसा।।
गायक – रामदास रामावत।
प्रेषक – सुभाष सारस्वत काकड़ा।
मोबाइल 9024909170