लागा नहीं शब्द रा तीर फकीरी भजन लिरिक्स

लागा नहीं शब्द रा तीर,
जिनके बाण लग्या गुरु गम रा,
मार लिया मन मीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।



आठों ही पोर दुनिया ने लूटे,

सुख भोगे शरीर,
आठो पहर माया से यारी,
बन बैठा पंच पीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।



भगवा रंगिया मन नहीं रंगिया,

चूट रया सब वीर,
एक घर छोड़ असंग घर पकड़िया,
नहीं बुध्दि नहीं धीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।



भीतर में है कर्मो रा कीड़ा,

बाहर होयो फकीर,
ए तो हाल फकीरा रा झूठा,
कांई करोला थे जीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।



धिन सुखराम मिलिया गुरु पूरा,

योगी मस्त फ़क़ीर,
विकट खेल खेले कोई शूरा,
ईसर रहणा सदीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।



लागा नहीं शब्द रा तीर,

जिनके बाण लग्या गुरु गम रा,
मार लिया मन मीर,
फकीरी लागा नही शब्द रा तीर।।

गायक – श्यामदास वैष्णव।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार, आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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