हरी नाम का कर सुमिरण,
शक्ति मिल जाएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
तू व्यर्थ में उलझा है,
माया की झाड़ी में,
सब छोड़ के आजा तू,
सत्संग फुलवाड़ी में,
सत संगत से बंदे,
सद बुद्धि आएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
मन मीत पीया बंधू,
सब झूठे नाते है ,
अपनों के छल ही तो,
हमको तड़पाते है,
सच्चा है प्रभु रिश्ता,
सच बात ये आएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
जप तप साधन ही तो,
अमृत है जीवन का,
हरिनाम से कर शुद्धि,
तू अपने तन मन का,
प्रभु नाम के अमृत से,
निर्मलता आएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
तेरा भाग्य अमर है तू,
इस जग में आया है,
भगवन की कृपा तुझपे,
जो नर तन पाया है,
‘अंकुश’ तेरी ये काया,
प्रभु काम जो आएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
हरी नाम का कर सुमिरण,
शक्ति मिल जाएगी,
मोह माया के बंधन से,
मुक्ति मिल जाएगी,
हरी नाम का कर सुमिरन,
शक्ति मिल जाएगी।।
Singer & Lyricist – Ajay Nathani