अपना बना ले ओ खाटू वाले,
मुझे दुनिया ने ठुकराया रे,
ठुकराया श्याम प्यारे,
अपना बना ले गले लगा ले,
अपना बना ले ओ खाटु वाले।।
तर्ज – बना के क्यों बिगाड़ा रे।
मैंने देखे सारे रिश्ते,
जग में कोई सगा नहीं,
सामने ये सब हंस के बोले,
दिल में इनके वफ़ा नहीं,
तेरी दया पे शक नहीं मुझको,
ओ मेरे श्याम प्यारे,
अपना बना ले गले लगा ले,
अपना बना ले ओ खाटु वाले।।
मेरे पास जब तक थी दौलत,
तब तक सारे नाते थे,
मेरी पीठ में ही खंजर घोंपे,
मेरा दिया जो खाते थे,
भाई बहन अब कोई ना अपना,
मेरा तू ही श्याम प्यारे,
अपना बना ले गले लगा ले,
अपना बना ले ओ खाटु वाले।।
तू जो सुने ना मेरी विनती,
तू ही बता मैं कहाँ जाऊं,
तू ही जग का पालन हारा,
मैं भी तेरा कहलाऊँ,
‘निर्वाण’ को बस तेरा सहारा,
ओ मेरे खाटू वाले,
अपना बना ले गले लगा ले,
अपना बना ले ओ खाटु वाले।।
मुझे दुनिया ने ठुकराया रे,
ठुकराया श्याम प्यारे,
अपना बना ले गले लगा ले,
अपना बना ले ओ खाटू वाले,
अपना बना ले ओ खाटू वाले।।
Singer & Writer – Sanjay Nirwan