सीधी निंगाह मेरे पे करदे इतणाऐ शयान भतेरा स हो बालाजी

सीधी निंगाह मेरे पे करदे,
इतणाऐ शयान भतेरा स,
होहो बालाजी।।



चरणां में सिर धरणां चाहुं,

तेरे भवन का लहणां चाहुं,
हरि कीर्तन करणां चाहुं,
काया बीच अंधेरा स,
होहो बालाजी।।



तेरे भवन मेंं आणां चाहुं,

अपणां कर्म बणाणां चाहुं,
हरि कीर्तन गाणां चाहुं,
तुं भगवान मेरा स,
होहो बालाजी।।



और किते ना जाणां चाहुं,

मन का भगमा बाणां चाहुं,
मन भक्ति में लाणां चाहुं,
तन्नै सब बातां का बैरा स,
होहो बालाजी।।



तेरा दास बणनां चाहुं,

समचाणे में दर्शन चाहुं,
तेरी शरण में आणां चाहुं,
भक्त मुरारी तेरा स,
होहो बालाजी।।



सीधी निंगाह मेरे पे करदे,

इतणाऐ शयान भतेरा स,
होहो बालाजी।।

गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान(रोहतक)
9992976579


Previous articleआहे मैं उठ सवेरे नहाई बाबा की जोत जगाई
Next articleमेरी काया के महां चस्का लागया तेरे नाम का
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here