लकड़ी बिना थारो काम नी चाले,
दोहा – राम झरोखे बैठ के,
ओर सबका मुजरा लेत,
जैसी जिनरी चाकरी,
प्रभु वैसा ही फल देत।
लकड़ी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का,
लकडी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का हाँ,
लकडी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का।।
अरे पिसन वाली पिसेे पिसनो,
माय खिलडा लकडी का,
पिसन वाली पिसे पिसनो,
माय खिलडा लकडी का हाँ,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का।।
अरे गाया भैंसा रो दहिडो बिलोवे,
माय झेरना लकडी का,
गाय भैंस रो दहिडो बिलोवे,
माय झेरना लकडी का हाँ,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का।।
अरे तोप आटिया वाली बंदूका,
लारे कंधा लकडी का,
तोप आटिया वाली रे बंदूका,
लारे कंधा लकडी का हाँ,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का।।
साधु होय ने माला फेरे,
माला रा मणीया लकडी का,
साधु संत होय माला फेरे,
माला रा मणीया लकडी का हाँ,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का।।
कहत कबीर सुनो रे भई संतो,
माला रा मणीया लकडी का,
कहत कबीर सुनो भई संतो,
माला रा मणीया लकडी का हाँ,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का।।
लकड़ी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का,
लकडी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का,
भरी सभा में म्हारा सतगुरु राजा,
ज्ञान करो इन लकडी का,
भरी सभा में म्हारा संत बिराज्या,
ज्ञान करो इन लकडी का हाँ,
लकडी बिना थारो काम नी चाले,
काम नी चाले सब दुनिया का।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818