नीमा जी थाके घर नारायण आयो राजस्थानी भजन

मैं सिमरा माके नहीं आवे,
पल में दर्शन पायो,
नीमा जी थाके घर नारायण आयो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



नीमा जी छावे छाण छाबरि,

आकङो काट बा जावे,
जाय आकङा रे चगदो किनो,
जद मन माई पछतायो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



पाग फाङ निमो पाटो बान्दे,

पाटो बांध घर आयो,
थारी लिला थू जाणे,
ऐसों भगत फरमायो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



सोना का महल रूपा का छाजा,

तांबे तार खिंचवा यो,
तार तार में मोती मिलिया,
अब लक्ष्मी को बंद खिंचायो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



अब भाग फाटी होयो उज्यालो,

लोग देखबा आयो,
कई नीमा जी थू कामण गारों,
कई लंका लूट घर लायो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



गढ दिल्ली मे छिपा मोकला,

मारो नीमा जी नाम कहवायो,
थारी गति ने थूही जाणै,
जद मन माही हंसायो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।



मैं सिमरा माके नहीं आवे,

पल में दर्शन पायो,
नीमा जी थाके घर नारायण आयो,
नीमा जी थाकें घर नारायण आयों।।

गायक / प्रेषक – भेरू पुरी गोस्वामी सोपुरा।
M 9928006102 Studio 9460950166


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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