फागण आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी,
खाटू में लगे मेला भारी,
उडे जावे दुनियाँ या सारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
तर्ज – पतला दुपट्टा तेरा मुंह दिखै।
अरे रिंगस ते ये भगत निशान उठावे,
जयकारे मेरे श्याम धणी के लावै,
कोए नाचे सै, कोए गावे सै,
कोए पेट पलणियाँ जावे सै,
खाटू में जाके देखिए,
भगतां की भीड़ लगे भारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
दूर-दूर ते भगत ये खाटू आवे,
जयकारे मेरे श्याम धणी के लावे,
13 सीढ़ी चढ़ के नै ये,
श्री श्याम के दर्शन पावें सै,
साँवरिया सरकार ये,
सूरतिया इनकी है प्यारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
फागण में जो जावे खाटू धाम,
बन जाते सब उसके बिगड़े काम,
झोली भर-भर के बांटे सै,
ना कदे किसे नै नाटे सै,
यो बाबा लखदातार है,
मेरे श्याम कि महिमा है भारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
साँवरिया सरकार लगे प्यारे,
हारे के हैं बाबा श्याम सहारे,
‘मुकेश’ भी खाटू जावे सै,
‘योगेश’ वत्स समझावे सै,
श्री श्याम के दर्शन कर के नै,
या जिन्दगी बण जावे म्हारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
फागण आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी,
खाटू में लगे मेला भारी,
उडे जावे दुनियाँ या सारी,
फागन आया कर तैयारी,
कर तैयारी गौरी कर तैयारी।।
लेखक – श्री मुकेश भारद्वाज जी रोहतक।
गायक – मास्टर योगेश वत्स रोहतक।
भजन प्रेषक – प्रदीप सिंघल (जीन्द वाले)
सम्पर्क सूत्र – 9812275582