भाई लेनी गुरूजी री शरण तरण रो मौको आयो रे

भाई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे।

सुबीसा से मनुष्य तन पायो,
अरे अजब सोच मन मे नही लायो,
अरे अजब सोच मन मे नही लायो ए हा,
अरे बन कर आयो बिन्द नींद में,
कैसे सोयो रे,
अरे बन कर आयो बिन्द नींद में,
कैसे सोयो रे,
ए भाई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे,
जिवडा लेनी गुरूजी शरण,
तरण रो मौको आयो रे।।



अरे जो जीव री मुक्ति चाहो,

अरे जो जीव री मुक्ति चाहो,
दस दोष ने दूर हटाओ,
अरे दस दोष ने दूर हटाओ ए हा,
अरे पानी पहला पाल नी बांधी,
गाफल होयो रे,
अरे पानी पहला पाल नी बांधी,
गाफल होयो रे,
ए भई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे,
जिवडा लेनी गुरूजी शरण,
तरण रो मौको आयो रे।।



अरे चोरी झारी ओर जीव हत्या,

ए चोरी झारी ओर जीव हत्या,
मिन्दक मितीया ने कूडा बकीया,
मिन्दक मितीया ने कूडा बकीया ए हा,
अरे हरख शोक अभिमान दोष यु,
दस बतलायो रे,
अरे हरख शोक अभिमान दोष यु,
दस बतलायो रे,
ए भई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे,
जिवडा लेनी गुरूजी शरण,
तरण रो मौको आयो रे।।



अरे राजा रावण ओर शिशुपाला,

राजा रावण ओर शिशुपाला,
जरा संध बाणासुर भारी,
जरा संध बाणासुर भारी ए हा,
अरे एडा एडा योद्धा घलीया धरती सु,
पतो न पायो रे,
अरे एडा एडा योद्धा घलीया धरती सु,
पतो न पायो रे,
ए भई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे,
जिवडा लेनी गुरूजी शरण,
तरण रो मौको आयो रे।।



अरे रामानंद गुरू शत शत केवे,

रामानंद गुरू शत शत केवे,
राज गुरू जीव हेला देवे,
राज गुरू जीव हेला देवे ए हा,
अरे कहत कबीर विचार मनुष्य तन,
मुश्किल पायो रे,
अरे कहत कबीर विचार मनुष्य तन,
मुश्किल पायो रे,
ए भई लेनी गुरूजी री शरण,
तरण रो मौको आयो रे,
जिवडा लेनी गुरूजी शरण,
तरण रो मौको आयो रे।।

गायक – जोग भारती जी & श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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