तेरे दर पे सदा आता ही रहा हूँ मैं भजन लिरिक्स

तेरे दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं,
चाहे दुःख में रहूं,
चाहे सुख में रहूं,
मुस्कुराता रहा हूँ मैं,
तेरें दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं।।

तर्ज – घुंघरू की तरह।



तूने छोड़ दिया चाहे साथ मेरा,

पर छोड़ा नहीं मैंने दर ये तेरा,
चाहे हाथ रहे मेरे खाली,
मुस्कुराता रहा हूँ मैं,
तेरें दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं।।



अपनों ने दिए जो दर्द मुझे,

वो भी सदा हस हस के सहे,
किसी से कैसा गिला,
जिसने जो भी दिया,
सहता ही रहा हूँ मैं,
तेरें दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं।।



मैं करता रहा श्याम तुमको नमन,

चाहे भीगे रहे ‘वीना जी’ के नयन,
होंठों पे हंसी आँखों में नमी,
मुस्कुराता रहा हूँ मैं,
तेरें दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं।।



तेरे दर पे सदा,

आता ही रहा हूँ मैं,
चाहे दुःख में रहूं,
चाहे सुख में रहूं,
मुस्कुराता रहा हूँ मैं,
तेरें दर पे सदा,
आता ही रहा हूँ मैं।।

Singer – Naseem Chintu


Previous articleमस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया भजन लिरिक्स
Next articleइक पल तेरे दर्शन खातिर मैं खाटू आऊं भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here