कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना।।
सीता की खोज करी तुमने,
तुम सात समन्दर पार गये,
लंका को,
लंका को किया शमशान प्रभु,
बलवान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना।।
जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी,
तुम धोलागिर पर्वत लाये,
लक्ष्मण के,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के,
तब प्राण तुम्हारा क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना।।
तुम भक्त शिरोमणि हो जग मे,
तुम वीर शिरोमणि हो जग मे,
तेरे रोम रोम मे,
तेरे रोम रोम मे बसते हैं,
सिया राम तुम्हारा क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना।।
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना।।
sundar
jay ho balaji maharaj ki