नगर मे जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।
श्लोक – ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे,
ऊँचा है तेरा धाम,
हे कैलाश के वासी भोले,
हम करते है तुझे प्रणाम।
नगर में जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया,
अजब है तेरी माया,
इसे कोई समझ ना पाया,
यशोदा के घर आया,
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
अंग विभूति गले रूँड माला,
शेषनाग लिपटायो,
बाँको तिलक भाल चंद्रमा,
घर घर अलख जगायो,
नगर में जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
ले भिक्षा निकली नंदरानी,
कंचन थाल जडायो,
दो भिक्षा जोगी आसन जायों,
बालक मेरो डरायो,
नगर मे जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
ना चाहिए तेरी दौलत दुनिया,
ना ही कंचन माया,
अपने लाला का दरश करा दे,
मै दर्शन को आया,
नगर में जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
पाँच बार परिक्रमा करके,
श्रृंगी नाद बजायौ,
सूरदास बलिहारी कन्हैया की,
जुग जुग जिये तेरो लालों,
नगर में जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
नगर में जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया,
अजब है तेरी माया,
इसे कोई समझ ना पाया,
यशोदा के घर आया,
सबसे बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ।।
Mujhe ye bejan bohot pyara laga is vajan ke bol mujhe bohot achhe lge mera name
pankaj sen h or me bhejan sandhya jagrato me singing ka kam kerta hu or me ak mimicry artist Bhi Hu or ye mera mobail numb h 7509109975
Is bhajan ke bol gane vale our sun ne vale KO swayam siv ke darsan karate he…
Bahut bahut achha dil se jay mahakal Jay bholenath