दीना रा दयाल प्रभु जी,
म्हाने थांको आसरो।।
मीरा बाई ध्यान कियो,
भक्ति रस पान कियो,
पा गई परम पद,
ध्यायो पीहर सासरो।।
करमा बाई जाटणी,
पालो पानी काटणी,
प्रेम सूं जिमायो थाने,
कूट गाल्यो बाजरो।।
नर्सिलो कंगाल भयो,
धन ने लुटाय दीयो,
भक्त को बढ़ायो मान,
भात भरियो साँतरो।।
सुणो जी बिहारी लाल,
मांगू नही धन माल,
भक्ति को वरदान मांगू,
हेलो सुण लो दास रो।।
भवर है चरण चेरा,
ध्यान घनश्याम तेरा,
ह्रदय में लगाओ डेरा,
राखो मत ना आंतरो।।
दीना रा दयाल प्रभु जी,
म्हाने थांको आसरो।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979