बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
तर्ज – हुस्न पहाड़ों का।
भक्त खड़े था की बाट निहारे,
भक्त खड़े था की बाट निहारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
देर ना लगाओ जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
विघन विनायक रूप तिहारो,
विघन विनायक रूप तिहारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
हमको तारो ना,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
‘अवि’ की नैया पार लगाओ,
भक्तों की नैया पार लगाओ,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
सुर को सम्भालो ना,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
Singer & Lyricist – Avinash Dadhich
ये भजन मेरा लिखा हुआ और मेरा गाया हुआ है
ओर ये जिसने गाया है बकवास गाया है
संगीत के साथ और लेख के साथ मजाक किया है जिसने
सुरों की और हरकतों की भी बहुत गलतियां की है इस गायक ने