ये धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा।
है फूल में खुशबु तेरी,
जो सबको महकाती है,
कण कण में वास है तेरा,
ये माटी बतलाती है,
जो काल सभी को मारे,
वो काल भी तुझसे हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
यें धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
गर्दिश में हो जब तारे,
तो बनते आप सहारे,
दुखियो के सुखी बनाते,
मेरे बाबा खाटू वाले,
कलयुग में तेरी महिमा,
काहे बाबा आज पसारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
यें धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
ये पायल की जो छम छम,
तुमसे ही तो होती है,
गर दया तेरी हो जाए,
माटी के कण मोती है,
चींटी और हाथी दोनो,
तेरी दया से करे गुजारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
यें धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
मैं जो भी हूँ प्रभु तुमसे,
तुम हो मेरे प्राण अधारे,
तेरी दया हमेशा चाहे,
तेरा सूंदर श्याम पुकारे,
तेरा गुण घर घर मैं गाऊं,
बनकर के तेरा बंजारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
यें धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
ये धरती प्रभु तुम्हारी,
और ये आकाश तुम्हारा,
हे इस संसार के स्वामी,
है हमको तेरा सहारा,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।
प्रेषक – रोहित अग्रवाल।
श्याम नवयुवक मंडल नई दिल्ली।