नित उठ देखूँ सपना माँ रा,
मैं दर्शन कद पाऊ मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
विरात्रा मे मंदिर थारों,
जूना विरात्रा आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
चौहटन मे मंदिर थारों,
वेरथान मे आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
बाड़मेर मे मंदिर थारों,
गढ़ मंदिर मे आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
बालोतरा मे मंदिर माँ रो,
जसोल गढ़ मे आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
जोधपुर मे मंदिर माँ रो,
किले उपर आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
जैसलमेर मे मंदिर माँ थारों,
तनोट गढ़ मे आयो मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
बीकानेर मे मंदिर माँ रो,
करणी माँ कह्लयौ माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
देगाणा मे मंदिर माँ रो,
जुनि जाल कहलायो माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
हाथ जोड़ थारा सेवक गावे,
होजी म्हाने शरणो राखो माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
नित उठ देखूँ सपना माँ रा,
मैं दर्शन कद पाऊ मेरी माँ,
अम्बे माँ जगदम्बे भवानी,
मंदिर बढ़ो सवायौ।।
गायक – श्री खुशाल गिरी जी महाराज।
प्रेषक – सुरेश जांगिड़।
मो 7073648651