कायर जिवडो डरे मन मायलो अब थोडी महर करो गुरासा

कायर जिवडो डरे मन मायलो,
कायर जिवडो डरे मन मायलों,
सिर पर हाथ धरो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे हा।।



लख चौरासी भटकत भटकत,

लख चौरासी भटकत भटकत,
नव नव जूनी धारो,
अब तो आयो शरण आपरी,
अब तो आयो शरण आपरी,
कोई मत तोप करो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे ए हा।।



डरीयोडो जीव ने धीरज राखो,

डरीयोडो जीव ने धीरज राखो,
पल में पार करो रे हा,
आप बिना चौरासी कुन मेटे,
आप बिना चौरासी कुन मेटे,
करोड़ उपाय करो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे ए हा।।



पारस देेख लोहा मत ललचे,

पारस देेख लोहा मत ललचे,
कर्मा रो किट घडो रे हा,
तोवन सोनो करो सोलमो,
तोवन सोनो करो सोलमो,
कंचन माल घडो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे ए हा।।



रामानंद विपद लिख दिनी,

रामानंद विपद लिख दिनी,
दुर्गम देश करो रे हा,
कहत कबीर सुनो भई संतो,
कहत कबीर सुनो भई संतो,
अब क्यु ढिल करो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे ए हा।।



कायर जिवडो डरे मन मायलो,

कायर जिवडो डरे मन मायलों,
सिर पर हाथ धरो रे गुरासा,
अब थोडी महर करो रे हा।।

गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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