दिलदार कन्हैया से नाता जो पुराना है भजन लिरिक्स

दिलदार कन्हैया से,
नाता जो पुराना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।

तर्ज – बचपन की मोहब्बत।



जब दाव लगाया है,

क्या बात है डरने की,
मुद्दत से जो आई है,
ये रात है मिलने की,
उस धेनु चरैया से,
दुःख दर्द सुनाना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।



चूका तू अगर मौका,

धोखा रह जाएगा,
ठोकर मत खा जाना,
वरना पछताएगा,
यादें गिरधारी की,
तेरा माल खजाना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।



जो उस जीवन धन से,

वादा करके आया,
क्यों माया में फसके,
पगले तू भरमाया,
हर क़ुरबानी देकर,
प्रीतम को रिझाना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।



‘शिव श्याम बहादुर’ का,

हरदम वो कन्हैया है,
पतवार उसे सौंपी,
घनश्याम खिवैया है,
मिलकर सतसंगत का,
एक बाग़ लगाना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।



दिलदार कन्हैया से,

नाता जो पुराना है,
अंतिम स्वासों तक इस,
रिश्ते को निभाना है।।

Singer – Ravi Sharma “Sooraj”
Lyricist – Shyam Bahadur Ji (Shiv)


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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