सुख दुःख हो जीवन में,
हो कैसे भी हालात,
होती रहे यूँ ही बाबा,
ग्यारस पे अपनी मुलाकात।।
तर्ज – क्या करते थे साजना।
धन दौलत ये महल अटारी,
मतलब की यहाँ रिश्तेदारी,
रिश्ता ये अपना सबसे अलग है,
आती ये ग्यारस बाबा तेरी जब जब है,
दौड़ा मैं भागा चला आऊ,
रोके रुके ना जज्बात,
सुख दुःख हों जीवन में,
हो कैसे भी हालात,
होती रहे यूँ ही बाबा,
ग्यारस पे अपनी मुलाकात।।
कैसे कहूँ यहाँ आके मैंने क्या पाया,
किया जो दीदार तेरा दिल भर आया,
ऐसा लगा तुझे भी रहता इंतजार है,
प्रेमियों से मिलने को तू भी बेक़रार है,
जिसको दुखी तू देखे बाबा,
हाथ बढ़ा के थामे हाथ,
सुख दुःख हों जीवन में,
हो कैसे भी हालात,
होती रहे यूँ ही बाबा,
ग्यारस पे अपनी मुलाकात।।
सफ़र आखरी जब हो मेरी जिन्दगी का,
खाटू की मिट्टी पाऊं अरमा ये दिल का,
दिन हो वो ग्यारस का कीर्तन की रात हो,
भजनों से रिझाऊ तुझे मैं प्रेमियों का साथ हो,
ऐसे में तू आए ले जाए,
‘शानू’ को बाबा अपने साथ,
सुख दुःख हों जीवन में,
हो कैसे भी हालात,
होती रहे यूँ ही बाबा,
ग्यारस पे अपनी मुलाकात।।
सुख दुःख हो जीवन में,
हो कैसे भी हालात,
होती रहे यूँ ही बाबा,
ग्यारस पे अपनी मुलाकात।।
Singer – Kumar Shanu