आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया भजन लिरिक्स

आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।



शेषमणि मोरिया कुंडल सोहे कनुआ,

कारी कारी कजरारी जुल्मी नयनवा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।



श्यामल श्यामल गोरे-गोरे जुड़िया जहान रे,

अखियां ने देख ली नी सुन ली ना कान रे,
जुगे जुगे जीबे जोड़ी बेमिसाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।



गगन मगन आज मगन धरतीया,

देखी देखी दूल्हा जी के सांवर सुरतिया,
बालू वृद्ध नर नारी सब बेहाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।



जेकरा लागी जोगी मुनि जब-तब कईले,

से मोरे मिथिला में पहने बन के आई ले,
आज लोढ़ा से सैदाई इनके गाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।



आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,

चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।

प्रेषक – चंद्रकांत उपाध्याय जी।
9109518190


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. बहुत सुंदर मन को आनंदित करने वाला

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