यहाँ रहना नहीं देस बिराना है कबीर भजन लिरिक्स

यहाँ रहना नहीं देस बिराना है,

दोहा – पत्ता कहता तरुवर से,
सुनो तरुवर मेरी बात,
उस घर की ऐसी रीत है,
एक आवक एक जाय।

यहाँ रहना नहीं देस बिराना है,
बिराना है रे, बेगाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।



यह संसार कागद की पुड़िया है,

बूँद पडे गल जाना है,
बूँद पडे गल जाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।



यह संसार काँटे की बाडी है,

उलझ पुलझ मरि जाना है,
उलझ पुलझ मरि जाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।



यह संसार झाड और झाँखर,

आग लगे जल जाना है,
आग लगे जल जाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।



कहत ‘कबीर सुनो भाई साधो,

सतुगरु नाम ठिकाना है,
सतुगरु नाम ठिकाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।



यहाँ रहना नहीं देस वीराना है,

बिराना है रे, बेगाना है,
यहां रहना नहीं देस बिराना है।।

Singer – Tara Singh Dodwe


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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