हर ग्यारस पर मैं ही आऊँ,
ऐसा ना हो पाए।
तर्ज – उड़ जा काले कावा।
चल जा घोडा नीले वाला,
खाटू में जाना,
खाटू में जाकर मेरे,
बाबा को तू लाना,
हर ग्यारस पर मैं ही आऊँ,
ऐसा ना हो पाए,
एक ग्यारस पर गरीबों,
के घर तू भी आए,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा।।
श्याम धणी की महिमा,
सारे जग में छाई है,
मोर मुकुट वाले ने ऐसी,
बंसी बजाई है,
कलयुग अवतारी है बाबा,
सबके मन को भाये,
एक ग्यारस पर गरीबों,
के घर तू भी आए,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा।।
गईया चराने वाला मेरा,
कान्हा न्यारा है,
माखन चोरी करने वाला,
कान्हा प्यारा है,
खाटू की नगरी में आकर,
‘कमली’ भी ये गाये,
एक ग्यारस पर गरीबों,
के घर तू भी आए,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा।।
मोरछड़ी लहराकर बाबा,
सबको तारे है,
इनकी लीला जाने केवल,
श्याम प्यारे हैं,
जो भी तेरे दर पे आए,
हार कभी ना पाये,
एक ग्यारस पर गरीबों,
के घर तू भी आए,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा,
ओ घर आजा साँवरा,
मेरा दिल बावरा।।
चल जा घोडा नीले वाला,
खाटू में जाना,
खाटू में जाकर मेरे,
बाबा को तू लाना,
हर ग्यारस पर मैं ही आऊ,
ऐसा ना हो पाए,
एक ग्यारस पर गरीबों,
के घर तू भी आए,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा,
ओ घर आजा सांवरा,
मेरा दिल बावरा।।
Singer – Amarkant Ji Mishra
भजन तो बहुत ही शानदार है ? ? ?
bahut hi samdar