राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है,
हरी रोज़ तेरे घर आते है,
हरी रोज़ तेरे घर आते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
राधा जब सोलह श्रृंगार करे,
प्रभु दर्पण आप दिखाते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
राधा जब पनघट पे जावे,
प्रभु मटकी आप उठाते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
राधा जब भोग तैयार करे,
हरि आकर भोग लगाते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
राधा जब कुँजन में जावे,
प्रभु आकर रास रचाते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है,
हरी रोज़ तेरे घर आते है,
हरी रोज़ तेरे घर आते है,
राधा कौन से पुण्य किए तूने,
जो हरी रोज़ तेरे घर आते है।।
Bhot hi sunder… Ye Bhajan mujhe pehele se hi ataa tha… Kyunki mummy gaya karti thi.. vo mathura ki thi… Hare Krishna ?