कृष्ण काले हो ठुआदे मन्नै मटकी भजन लिरिक्स

कृष्ण काले हो,
ठुआदे मन्नै मटकी,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।



और सखी जल भर भर सटगी,

राख दिये हो लाज पनघट की,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।



मटकी फोड़ी दही खिंडाई,

लागी लागी हो कमर में लचकी,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।



बीच भवर में नाव पड़ी है,

लादे लादे हो नाव मेरी अटकी,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।



इस कीर्तन ने पार लगादो,

बुद्धि मेरी हो भ्रम में अटकी,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।



कृष्ण काले हो,

ठुआदे मन्नै मटकी,
श्याम प्यारे हो,
ठुआदे मन्नै मटकी।।

गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान(रोहतक)
9992976579


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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