सत्संग करणी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
सत्संग किनी मीराबाई,
भोजा जी ने परणी रे,
गुरु मिलिया रविदास जी,
कृष्ण वरणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
सत्संग किनी राजा भरतरी,
छोङी पिंगला परणी रे,
धिन धिन उण मात पिता ने,
जायो जरणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
सत्संग किनी धनजी जाट वो,
तुंबा मोती वरणी रे,
बीज बाट सन्तो ने बाटियो,
पूरब करणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
सत्संग किन्नी विश्वामित्र जी,
पलभर अर्पण किनी रे,
एक पलक सत्संग में बैठीयो,
सत्संग करणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
कल्याण भारती सतगुरू मिलिया,
सोची शब्दा वरणी रे,
बर्मानन्द भजन कर बन्दा,
भव दुख हरणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
सत्संग करणी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।।
गायक – शंकर जी टाक।
प्रेषक – महेंद्र पंवार नारनाङी
9001717456
Jai
Jaho