दवा दारू भई ओगत कारी,
ए जडीबुटी भई ओगतकारी रे,
ए दवा दारू सब त्यागी,
ए जडीबुटी भई ओगतकारी रे,
दवा दारू सब त्यागी,
ए जंतर मंतर तंतर सारा रे,
जंतर मंतर तंतर सारा रे,
अरे लाग बाटी मे त्यागी रे,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा,
ए मनडो भयो वैरागी रे,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा,
ए माने सतगुरु मिलीया पागी,
अरे माने सतगुरु मिलीया पागी रे,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा।।
ए पोथी पुस्तक जोतक सारा,
ए वास वास मे त्यागी,
ए पोथी पुस्तक जोतक सारा,
वास वास मे त्यागी ए हा,
ए तिर्थ व्रत नेम रा बंधन,
तिर्थ व्रत नेम रा बंधन,
ए सेवा पूजा सब त्यागी,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा,
अरे सतगुरु मिलीया माने पागी,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा।।
ए कुदरत का खेल,
कुदरत से होवे,
ए मती भूलो बडभागी ए हा,
ए कुदरत का खेल,
कुदरत से होवे मती भूलो,
बडभागी ए हा,
अरे सेजे सेजे सब कुछ होवे,
सेजे सेजे सब कुछ होवे,
अरे सिद्ध कल्पना त्यागी रे,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा,
अरे सतगुरु मिलीया माने पागी,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा।।
ए अरे सतगुरु मिलीया,
संसे टलीया,
ए भेद भरमना भागी,
ए अरे सतगुरु मिलीया,
संसे टलीया,
ए भेद भरमना भागी,
अरे हेमनाथ अवदुता योगी,
अरे हेमनाथ अवदुता योगी,
हिरदे हुआ बडभागी,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा,
अरे सतगुरु मिलीया माने पागी,
अब मारी सुरता भजन मे लागी ए हा।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818