प्रथम लाभ सरणो माय कीजे,
जो कोई सिश नमावे,
अडसट तिरत मारे सत गुरु सरणे,
हे घरे बैठा गंगा नावे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
निन्दिया ममता कुबद कटारी,
दुर्मति दूर हटावे,
काम क्रोध पर निन्दिया त्यागे रे,
एडा उपदेश बतावे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
हे लाडू पैड़ा अमर मिठाई,
शंत हरक नही लावे,
रुख सूखा खाख अलुना,
रूस रूस भोंग लगावे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
महा प्रसाद देवो घणा दूजे,
शंत सदाइ मन भावे,
दुस्ट जीव भव मति ने हारे,
वीरता घर पद पावे रे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
जागा रे भाग पुरबला शनसित,
संत सदा ही मन भावे,
भाग उदय कर जावे,
कहत कबीर सुनो भाई सादु,
एडा उपदेश बतावे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
प्रथम लाभ सरणो माय कीजे,
जो कोई सिश नमावे,
अडसट तिरत मारे सत गुरु सरणे,
हे घरे बैठा गंगा नावे,
भाग ज्योरे संत पामना आवे रे हा,
है जीण घर कथा कीर्तन होवे हरि री,
हिल मिल मंगला गावे,
भाग ज्योरे शंत पोमना आवे रे हा।।
– गायक एवं प्रेषक –
हाजाराम देवासी
8150000451