स्वर्ग से प्यारा है,
गुरु का द्वारा है,
वो जग से न्यारा है,
आओ ना, आओ ना,
मांडोली आओ ना,
वो झोलिया भरता है,
वो दुखड़े हरता है,
शांति गुरु मेरा है,
पाओ ना, पाओ ना,
गुरु दर्शन पाओ ना।।
तर्ज – तू कितनी अच्छी है।
किस्मत वालो का,
आता बुलावा,
बिन बुलाये जाने वाला,
वो है भक्त निराला,
गुरु से नाता है,
वो मंडोली आता है,
रिश्ता जो गहरा है,
आओ ना, आओ ना,
मांडोली आओ ना।।
जिनको गुरु का,
प्यार है मिलता,
साया बनकर गुरुदेव ये,
साथ मे उनके चलता,
भक्त जो गिरता है,
ये बॉह पकड़ता है,
देता सहारा है,
आओ ना, आओ ना,
मांडोली आओ ना।।
मंडोली जाना “दिलबर”,
भुल न जाना,
एक बार जो गया बना वो,
मांडोली का दीवाना,
भक्त हजारो में,
खड़े है कतारों में,
अब बारी तुम्हारी है,
आओ ना, आओ ना,
मांडोली आओ ना।।
स्वर्ग से प्यारा है,
गुरु का द्वारा है,
वो जग से न्यारा है,
आओ ना, आओ ना,
मांडोली आओ ना,
वो झोलिया भरता है,
वो दुखड़े हरता है,
शांति गुरु मेरा है,
पाओ ना, पाओ ना,
गुरु दर्शन पाओ ना।।
गायक – नमन धारीवाल इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया “दिलबर”
नागदा जक्शन म.प्र.।। मो.9907023365