कान्हा का बर्थ डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे,
हर दिल में आनन्द छा गया,
सब नचदे है सब नचदे,
दिखे सुन्दर खुब नजारा,
कैसे झुम उठा जग सारा,
मस्ती में श्याम की खो गया,
मस्ती में श्याम की खो गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
तर्ज – दिल चोरी साटा।
गोकुल में शौर है भारी,
खुश करना है गिरिधारी,
ढौलक संग मुरली बाजे,
और सज गई नगरी सारी,
भगतो के दिल को भा गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
मेरा कान्हा मुरली वाला,
कैसे चमक रहा है आला,
मोर मुकुट सर साजे,
है गल बैजंती माला,
श्रृंगार मोहन का भा गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
कोई बन कर कान्हा देखो,
राधा संग रास रचाए,
कोई पेड़ के पिछे छुपके,
गोपीन के वश्त्र चुराए,
उसका बचपन याद आ गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
जो मन से इन को ध्याता,
खुल जाता क़िस्मत ताला,
छोरा गांव निठौरा रहता,
गाएं भजन नाचने वाला,
दुनिया में ‘सुरेन्द्र’ छा गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
कान्हा का बर्थ डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे,
हर दिल में आनन्द छा गया,
सब नचदे है सब नचदे,
दिखे सुन्दर खुब नजारा,
कैसे झुम उठा जग सारा,
मस्ती में श्याम की खो गया,
मस्ती में श्याम की खो गया,
सब नचदे है सब नचदे,
कान्हा का बर्थं डे आ गया,
सब नचदे है सब नचदे।।
– गायक एवं प्रेषक –
सुरेन्द्र सिंह प्रधान निठौरा
9999641853