थारा रे दरबार बाबा चाकर म्हे बण जावां जी भजन लिरिक्स

थारा रे दरबार बाबा,
चाकर म्हे बण जावां जी,
मैं नित उठ दर्शन पावा जी,
थारां रे दरबार।।

तर्ज – कीर्तन की है रात।



थे देवन हार हो,

थे दानी हो बाबा,
उम्मीदा थासु घणी,
थे सेठ हो म्हांका,
मैं सेवादार हाँ,
थे हो साँचा धणी,
थारे दर पर आए,
थारे दर पर आए म्हांका,
दुखड़ा भूल जावां जी,
मैं नित उठ दर्शन पावा जी,
थारां रे दरबार।।



थे रूह ने जाणो,

कल्याण कर जाणो,
थारा परचा घणा,
थे जात ना मानो,
थे भेद ना जाणो,
गांवा गुण थारा,
थे हो पालनहार,
थे हो पालनहार थारी,
हाजरी बजावा जी,
मैं नित उठ दर्शन पावा जी,
थारां रे दरबार।।



कोई ऊरबाणा आवे,

कोई लुट लुट ने आवे,
अरज्यां लगावण ने,
कोई निरधनियाँ आवे,
कोई निर्बलिया आवे,
मेहर थारी पावण ने,
‘मुन्ना शैलजा’,
‘मुन्ना शैलजा’,
थारे अर्जी लगावा जी,
मैं नित उठ दर्शन पावा जी,
थारां रे दरबार।।



थारा रे दरबार बाबा,

चाकर म्हे बण जावां जी,
मैं नित उठ दर्शन पावा जी,
थारां रे दरबार।।

Singer – Munna Swarankaar


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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