श्याम बाबा श्याम बाबा,
दर पे ठेठ आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
तर्ज – श्याम बाबा तेरे पास आया हूँ।
जब सुरज भी ढल गया सारा,
चल पड़ा पैदल नहीं विचारा,
चलते चलते जब मैं हारा,
दिया दिखाई तेरा द्वारा,
रींगस से, चल के रींगस से,
तोरण गेट आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
श्याम नाम अनमोल खजाना,
ना छोड़े ये तुम्हें दिवाना,
चाहे कुछ भी कहे जमाना,
मैं तो चाहुं तुम्हें रिझाना,
श्रृद्धा सुमन, बाबा श्रृद्धा सुमन,
ले के भेंट आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
इतनी कृपा मुझ पे कर दो,
जीवन में अब सब रंग भर दो,
मुझको भी एक बाबा वर दो,
हाथ शीश पे अपने धर दो,
ना मैं तो, श्याम ना मैं तो,
पलनिए पेट आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
तू तो श्याम दयालु दानी,
फिर भी क्यूं आंखों में पानी,
तुम्हें पड़ेगी प्रीत निभानी,
छोड़े ना “जालान” भिवानी,
सुन लेना, मेरी सुन लेना,
बेशक लेट आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
श्याम बाबा श्याम बाबा,
दर पे ठेठ आया हूं,
खाटू में तेरे ओ सेठ आया हूं।।
– भजन लेखक व गायक –
पवन जालान 9416059499
भिवानी (हरियाणा)