कईया बैठ्या हो चुपचाप,
बाबा थे म्हारा माँ बाप,
म्हापे लागि थारी छाप,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
थारे हाथा में म्हारी जीवन डोर है,
थारे आगे ही रोने को मेरो जोर है,
म्हाने थारो ही आधार,
म्हारो था पर दारमदार,
म्हारो सारो परिवार,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
मेरो दूजो नहीं है कोई आसरो,
थे ही पीहर हो थे ही म्हारो सासरो,
म्हाने थारे से ही आस,
म्हारो थारे पर विश्वास,
म्हे तो चरणा रा दास,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
सारो जीवन बितायो थारे आंगणे,
अब कुण के घरा में जावा मांगणे,
दूजो कुंण दे सी म्हाने,
ताना दे सी से थाने,
मोको ना द्यो दुनिया ने,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
जो भी कहणो थो ‘बिन्नू’ थाने कह दियो,
या ही विनती है थे ही लज्जा राखियो,
थारी किरपा आया फेर,
पासो पलटण में ना देर,
दाता सुणल्यो म्हारी टेर,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
कईया बैठ्या हो चुपचाप,
बाबा थे म्हारा माँ बाप,
म्हापे लागि थारी छाप,
थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा,
ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।।
Singer – Vivek Ji Sharma
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