म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हाने एक छे थारो आधार रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी।।
राखि पत प्रहलाद की,
धर नरसिंह अवतार,
खम्भ फाड़ प्रकट भए,
तारयो भूमि को सारो भार रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी।।
पूंजी गोपी चंदन मेरो,
तुलसी सोने रो हार,
साँचा गहना सांवरा,
म्हारी दौलत छे,
झांझ कड़ताल रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी।।
राणा जी ने विष दियो,
छल मीरा रे साथ,
प्याला विष अमृत भयो,
राखि भक्ता की जाती लाज रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी।।
म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हाने एक छे थारो आधार रे,
सांवरा गिरधारी,
म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी।।
स्वर – जया किशोरी जी।