कहते हैं तुमको दीनदयाल,
मेरा भी रखना श्याम ख्याल,
तेरा ही सहारा है मेरी सुन सांवरे,
तुझे ही पुकारा है मेरी सुन सांवरे।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
रोज दुःखी बैचारे,
तेरी चौखट पे आंचल पसारे,
दीन दुखिया सारे,
भीगी पलकों से तुमको निहारे,
लाखों की किस्मत को,
तूने तो संवारा है,
मेरी सुन सांवरे,
तुझे ही पुकारा है मेरी सुन सांवरे।।
कह न पाए दिल की,
तेरे ऐसे भी आते हैं दर पे,
तू है श्याम दयालु,
धर दे हाथों को उनके भी सर पे,
करने को कहा है वो,
काम जो तुम्हारा है,
मेरी सुन सांवरे,
तुझे ही पुकारा है मेरी सुन सांवरे।।
इतना ही चाहे,
तुमसे बाबा ये “जालान” हरपल,
जैसे आज चाहो,
रखना वैसे ही याद मुझे कल,
तेरे बिन यहां रहना,
मुझे ना गंवारा है,
मेरी सुन सांवरे,
तुझे ही पुकारा है मेरी सुन सांवरे।।
कहते हैं तुमको दीनदयाल,
मेरा भी रखना श्याम ख्याल,
तेरा ही सहारा है मेरी सुन सांवरे,
तुझे ही पुकारा है मेरी सुन सांवरे।।
गायक – उमाशंकर गर्ग।
भजन लेखक – पवन जालान।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)