खाटू आलै मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया,
हार लिया मैं हार लिया,
जग में तैरे हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
तर्ज – गाड़ी आलै मन्नै बिठाले।
जब भी चाहा मन्नै कमाना,
हुई सदा ही हानि सै,
कैसे चालै गाड़ी मेरी,
ना तेरे ते छ्यानी सै,
तु तो जाने सुनु मैं ताने,
होग्या मैं बदनाम,
श्याम मैं हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
हानि लाभ को जीवन में,
समझूं मैं तकदीर मेरी,
दिल से नहीं हटाऊगां,
कदै श्याम तस्वीर तेरी,
चाहे रूला तु चाहे हंसा तु,
जपूंगा तेरा नाम,
श्याम मैं हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
यो जीना के जीना से,
कोई भी मेरे साथ नहीं,
दुनिया से कैसे कह दूं,
सर पे भी तेरा हाथ नहीं,
टूटे ना विश्वास किसी का,
मैं सोचु सुबह शाम,
श्याम मैं हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
श्याम नाम तू रट “जालान”,
सुनेगा दाता टेर कदै,
यही सुने है यही सुनेगा,
आज नहीं तो फेर कदै,
हारे का है यही सहारा,
तु दिल को अपने थाम,
श्याम मैं हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
खाटू आलै मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया,
हार लिया मैं हार लिया,
जग में तैरे हार लिया,
खाटू वाले मन्नै बुला ले,
अपने खाटू धाम,
श्याम मैं हार लिया।।
स्वर – वंदना अरोड़ा।
– भजन रचयिता –
पवन जालान जी।
94160-59499 भिवानी (हरियाणा)