भूल हुई काई थे कईया रूस्या हो भजन लिरिक्स

भूल हुई काई,
थे कईया रूस्या हो,
टेर सुनो सांवल सा म्हारी,
कईया सुत्या हो,
भूल हुई काईं।।

तर्ज – तेरा मेरा सांवरे ऐसा नाता है।



घणी मिन्नत करूँ थारी,

भुला द्यो भुला थे म्हारी,
अगर थे ना सुनेगा तो,
बताओ सुनसी कुंण म्हारी,
टाबरियां कानि,
क्यों आख्या मिच्या हो,
टेर सुनो सांवल सा म्हारी,
कईया सुत्या हो,
भूल हुई काईं।।



बड़ो हूँ बावलो बाबा,

बनाओ सांवलो बाबा,
करो किरपा दयालु मैं,
घणो उतावलो बाबा,
काना ने थारे,
थे कइया भीचा हो,
टेर सुनो सांवल सा म्हारी,
कईया सुत्या हो,
भूल हुई काईं।।



भगत नादान है बाबा,

क्षमा को दान द्यो बाबा,
घणो दुःख को सतायो हूँ,
जरा सो ध्यान द्यो बाबा,
‘हर्ष’ भगत ने थे,
क्यों भुलया बैठया हो,
टेर सुनो सांवल सा म्हारी,
कईया सुत्या हो,
भूल हुई काईं।।



भूल हुई काई,

थे कईया रूस्या हो,
टेर सुनो सांवल सा म्हारी,
कईया सुत्या हो,
भूल हुई काईं।।

Singer – Hari Sharma Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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