आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ,
मैया आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ।।
जाओ जाओ मेरे बिरहा हो लँगूरवा,
आल्हा को पकड़ ले आओ हो माँ,
मैया आल्हा को पकड़ ले आओ हो माँ,
एक बनना खें दूजे बनना खें,
तीजे बन महोवा लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आईं,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
गाँव की पनिहारि से पूछे हो लँगूरवा,
आल्हा का पता बतलाओ हो माँ,
मैया आल्हा का पता बतलाओ हो माँ,
अरे बीच में होवे आल्हा को मकनवा,
वहीं पर टेर लगाए हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
आल्हा आल्हा खूब पुकारा,
आल्हा नदियों के घाट हो माँ,
मैया आल्हा नदियों के घाट हो माँ,
बांध लँगोटी आल्हा नहा रहे,
सरसों का तेल लगाए हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
पड़ी नजरिया जब आल्हा की,
मन में गयो घबराए हो माँ,
मैया मन में गयो घबराए हो माँ,
अरे कौन दिशा से आये हो लँगूरवा,
कौन संदेसा लाये हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
मैहर से हम आये हैं आल्हा
शारदा तुमको बुलाये हो माँ,
मैया शारदा तुमको बुलाये हो माँ,
अरे कैसे कैसे चले हैं लँगूरवा,
नहीं कछु हमारे पास हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
लेहो बालक भेंट हो माँ,
मैया लेहो बालक भेंट हो माँ,
एक बनना खें दूजे बनना खें,
तीजे बन मैहर लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
खोल किवड़िया दर्शन दे दो,
आल्हा खड़ो तेरो द्वार हो माँ,
मैया आल्हा खड़ो तेरो द्वार हो माँ,
मैया ने आल्हा को दर्शन दे दई,
आल्हा लौट आओ अपने लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ,
मैया आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ।।
Singer – Shahnaz Akhtar
Bahut accha…Bhakti Sagar main dupki laga ki..Jai Mata Di!!
This song is power of my life and this song look like amazing . This song is heart ❤️ touching .