क्या मांगू सांवरे तुझसे,
जो तू ही मिल गया बाबा,
तुम्हारी प्रेम बरखा में,
ये जीवन खिल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
तर्ज – ना झटको जुल्फ से।
ये क्या कम है के सांवरिया,
तेरा दीदार होता है,
बड़ी मायूसी थी मन में,
वो मंज़र टल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
कोई ना पूछता था तब,
मगर अब तेरी रहमत है,
मैं खोटा सिक्का था जग में,
वो सिक्का चल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
की जबसे इन निगाहों में,
तेरी तस्वीर रहती है,
मेरे दुःख का जो सूरज था,
वो सूरज ढल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
हुआ है तुमसे याराना,
ये ‘चोखानी’ की किस्मत है,
दिया था इस ज़माने ने,
ज़ख़्म वो सिल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
क्या मांगू सांवरे तुझसे,
जो तू ही मिल गया बाबा,
तुम्हारी प्रेम बरखा में,
ये जीवन खिल गया बाबा,
क्या मांगू साँवरे तुझसे।।
Singer – Yogesh Juneja Ji
Lyricist – Pramod Chokhani Ji