नमतो नमतो आवु मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता,
नमतो नमतो आऊं मोरी मां,
पैदल पैदल आऊं मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
सोना रूपा री ईट पडावु,
मंदिरीयो बणावु मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
आला लीला बांस कटावु,
मंदिरीयो सजावु मोरी मां.
पग मे झांझर बाजता।।
कंकु केशर री गार घलावु,
मंदिरीयो निपावु मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
गोरी गाय रो घिरत मंगावु,
दिवला री ज्योत जगावु मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
दोय कर जोड राजा मानसिंह बोले,
सेवको ने चरणे मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
नमतो नमतो आवु मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता,
नमतो नमतो आऊं मोरी मां,
पैदल पैदल आऊं मोरी मां,
पग मे झांझर बाजता।।
– गायक एवं प्रेषक –
त्रिलोक सिंह
9413106325